अनमोल वचन
खिल सको तो फूल की तरह खिलो, जल सको तो दीप की तरह जलो !
मिल सको तो दूध में पानी तरह मिलो, ढल सको तो धातु की तरह ढलो !
ऐसी ही जीवन की नीति हो, रीति हो, प्रीति हो.…
- मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी
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