मेरे प्रभु

इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,
धरती पराई लगने लगे!!
इतनी खुशियाँ भी न देना कि,
दुःख पर किसी के हंसी आने लगे!!
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ!!
नहीं चाहिए ऐसा भाव कि,
किसी को देख जल-जल मरूँ!!
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने लगे!!
ऐसी चतुराई भी न देना जो,
लोगों को छलने लगे!!