आज के प्रवचन से

दोषों के ज्ञान बिना हम गुणों को प्राप्त नहीं कर सकते। धन तो सुलभ है पर धर्म दुर्लभ है। क्रोध, मान, माया, लोभ और राग-द्वेष परिणाम ही मनुष्य के शत्रु हैं।
- आ. विद्यासागरजी महाराज (आज कटंगी के प्रवचन से)