त्याग, तपस्या और तरुणाई के 'सागर'


आचार्य श्री विद्यासागर जी महा-मुनिराज के श्री चरणों में आई.एस.जे परिवार की ओर से शत शत नमन। नमोस्तु भगवन नमोस्तु 

  • १९७१ से मीठा व फल त्याग। 
  • १९७६ से रस, फल, मेवा का त्याग। 
  • १९८३ से पूर्ण थूकना बंद। 
  • १९८५ से चटाई पर सोना त्याग।
  • १९९० से नौ दिन का निर्जला व्रत।
  • १९९२ से दिन से दिन में सोना आजीवन त्याग।
  • दीक्षा लेने के बाद से रात्रि में मौन व्रत।
  • दीक्षा लेने के बाद हर दो माह में केस-लोच।
धन्य हैं ऐसे महान संत धन्य हैं इनकी चर्या..........!!!