श्वांस- श्वांस में तुझे बसायें, हे जिनवाणी माँ।
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ।।
मूल अर्थ कर्त्ता हैं, तेरे, तीर्थंकर स्वामी
उत्तर ग्रन्थ रचयिता तेरे, श्री गणधर स्वामी
हम सब श्रोता सुनने आये, श्री जिनवाणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [१]
ज्ञान सूर्य सम निर्मल बनता, तेरी वाणी से
चरित चन्दा सा उज्जवल हो, तेरी वाणी से
अखिल विश्व कल्याण कारिणी, आगम वाणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [२]
ग्वाला को भी कुन्दकुन्द सा, संत बनाती माँ
ग्रन्थ सिखा निर्ग्रन्थ बना, अरिहंत बनती माँ
तीर्थकर की दिव्या देशना, मोक्ष दायिनी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [३]
तेरे अमृत अक्षर माता ! अक्षय पद दाता
तेरे पद हर आपद हरते, हैं शिव पद दाता
ओम् नमः अर्ह सिखलाती, अर्हद् वाणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [४]
अहो भारती सारवती माँ ! सरस्वती माता
वीर-ताप संताप हरिणी हो, ज्ञान सलिल दाता
पाप-ताप संताप हारिणी, जग कल्याणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [५]
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ।।
मूल अर्थ कर्त्ता हैं, तेरे, तीर्थंकर स्वामी
उत्तर ग्रन्थ रचयिता तेरे, श्री गणधर स्वामी
हम सब श्रोता सुनने आये, श्री जिनवाणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [१]
ज्ञान सूर्य सम निर्मल बनता, तेरी वाणी से
चरित चन्दा सा उज्जवल हो, तेरी वाणी से
अखिल विश्व कल्याण कारिणी, आगम वाणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [२]
ग्वाला को भी कुन्दकुन्द सा, संत बनाती माँ
ग्रन्थ सिखा निर्ग्रन्थ बना, अरिहंत बनती माँ
तीर्थकर की दिव्या देशना, मोक्ष दायिनी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [३]
तेरे अमृत अक्षर माता ! अक्षय पद दाता
तेरे पद हर आपद हरते, हैं शिव पद दाता
ओम् नमः अर्ह सिखलाती, अर्हद् वाणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [४]
अहो भारती सारवती माँ ! सरस्वती माता
वीर-ताप संताप हरिणी हो, ज्ञान सलिल दाता
पाप-ताप संताप हारिणी, जग कल्याणी माँ
बार-बार हम शीश झुकायें, हे जिनवाणी माँ
श्वांस................. [५]
रचयिता: सारस्वत कवि श्री आचार्य विभवसागर
साभार: एल.एस.आर परिवार