जय जिनेन्द्र


 

क्या हम वास्तव में जैन हैं ? या ... कुछ और ? जबाब जरुर दीजिएगा !

 




आचार्यश्री के चरण कहां थमेंगे ?

यूं तो जब जब आचार्यश्री के पावन चरण चलायमान होते है अधिकांश तीर्थो, समाजों, गुरुभक्तों की धड़कनें बढ़ जाती है, अमरकंटक में जन्मी मेकल कन्या कही जाने वाली नर्मदा रेवा नदी की अविरल धारा और गुरुचरणों की दिशायें सदा एक सी रही है। फिर चाहे अमरकंटक हो जबलपुर या नर्मदा का नाभिकेंद्र नेमावर ही क्यों न हो वही आचार्यश्रेष्ठ के सानिध्य में बहुत कुछ पाने वाले सागर का भी अपना गौरवशाली इतिहास है। सन 1980 के पूर्वतक तक हम जैसे साधारण श्रावकों की छोड़ो बड़े बड़े पण्डित विद्वान भी ग्रँथराज षट खण्डागम के ग्रन्थ धवलाजी के मात्र दर्शन कर अतृप्त रहते थे लेकिन जब 1980 में अक्षय तृतीया से प्रारंभ होकर श्रुत पंचमी तक सागर के मोराजी में षट खण्डागम धवला जी की वाचना में देश के मूर्धन्य विद्वान पण्डित जन अपने को पुण्यशाली मान उपस्थित रहते थे जन समुदाय के समक्ष जब जैनागम के इन ग्रन्थों का वाचन होता तब सभी आत्मविभोर हो कर झूम उठते इन युवाचार्य की निर्दोष, त्याग, तपस्या, साधना देख सागर एवम आस पास के युवा युवतियां ऐसे रीझे कि सब कुछ छोड़ इनके संग हो लिए और दर्जनों मुनिराज अर्धशतक आर्यिका माताएं आचार्यश्री के संघ में सुशोभित है।  संत शिरोमणि आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर महाराज का बिहार इन दिनों रेहटी, सलकनपुर के पास चल रहा है रविवार को सागर के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गुरुदेव के दर्शन किए और श्रीफल समर्पित किया। भाग्योदय और ऐतिहासिक सर्वतोभद्र जिनालय सागर के लिये आचार्यश्री के अतिशयकारी, आशीर्वाद की अनमोल भेंट है, जहां एक ओर पिछले 22 वर्षों से चातुर्मास की आस लगाए प्यासा सागर चातक वत शरदपूर्णिमा के चंदा के सानिध्य पाने लालायित है, आचार्यश्री के चरणों की आहट से इनदिनों सागर के गुरु भक्तों के गुरुचरणों के सानिध्य के भावों के ज्वार का उफान चरम पर है। लेकिन नर्मदा तट पर अवस्थित तिलवारा जबलपुर के नए नवेले पूर्णायु को लगता है कि पूर्णायु इतिहास के पन्नो पर हजारों वर्ष तक चिरायु बने रहने के लिये आचार्यश्री के चातुर्मास छत्रछाया जरूर मिलेगी वैसे इन अनियत विहारी श्रमणेश्वर के चलायमान चरणों की थाप का कोई आंकलन नही कर सकता, बड़े बाबा के नेटवर्क से सीधे जुड़े इन छोटे बाबा के चरण किस ओर बढ़ जाए कहा नही जा सकता...
भाव शब्द प्रस्तुति। 
● साभार : राजेश जैन भिलाई ●

समाधि-मरण

।। समाधि-मरण ।।

पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य-
पूज्य मुनिश्री प्रसादसागर जी महाराज के संगस्थ -

पूज्य मुनिश्री निकलंक सागर जी महाराज का समाधि मरण कल 26 अप्रैल को रात्रि में पुण्योदय तीर्थ पर हुआ।

आज प्रातःकाल की बेला में अंतिम संस्कार विधि सम्पन्न हुई।

नमोस्तु मुनिवर, नमोस्तु।
विनम्र विनयांजलि।

वैवाहिक संबंध

वर्तमान संदर्भ में अत्यन्त उपयोगी एवम आंखें खोलने बाला भावना प्रधान संक्षिप्त लेख

थोडी कसेली लगेगी मेरी पोस्ट फिर भी मनन करना।

35 वर्ष हो गए हमे सम्मेलन आयोजित करते हुए, सामाजिक कार्य करते हुए। वैवाहिक संबंधों को बहुत निकट से देखा, अनेको निराकरण  कराए, कुछ विच्छेद भी कराए।

मेरा अनुभव-- प्रत्येक माता पिता को अपना पुत्र सुकुमार ओर पुत्री सुकन्या नज़र आती है आवश्यकता है वास्तविकता समझने की।
जितने बच्चे अपने गृहक्षेत्र से अथवा परिवार से विमुख होकर अन्यत्र चकाचोंध से प्रभावित होकर जीविकोपार्जन हेतु गए है, उन बच्चों के वैवाहिक जीवन में संघर्ष का प्रतिशत हमे ज्यादा अनुभव हुआ।
जैन परिवार आर्थिक रूप से मध्यम-मध्यम या उच्च-मध्यम श्रेणी के पाए जाते है। उच्च श्रेणी की संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है। बड़े शहरों में एक लाख रुपयों का उपार्जन अपने निवास के शहरों के 35000 के बराबर हमने अनुभव किया है। अतः इस आकर्षण को त्यागे। होमटॉउन में व्यापार कर रहे बच्चे भी योग्य ही होते है।
बड़े शहरों का आकर्षण ओर लाइफ स्टाइल से प्रभावित ना हो।
अब वो समय आगया है जब बड़ी कम्पनियों में बड़ी पोस्ट पर कार्यरत बच्चों को एक नोटिस पर घर भेज दिया जाता है।
पुत्री के अभिभावक इसे समझे कि दूर ब्याही गयी बेटी के दुख में आप कब और कितनी बार पहुच पाओगे??मोबाइल आपको वास्तविक सत्य से अवगत कराएं यह जरूरी नही है।
में अनेको ऐसे समृद्ध परिवारों को जानता हूं जिन्होंने उच्च की अभिलाषा में अपने बच्चों की उम्र इतनी हो जाने दी कि बाद में उनका विवाह समझौता ही हुआ।
सम्मेलन, ब्यूरो,नेट, मेट्रोमोनियल साईट सिलेक्शन में सहयोगी हो सकते है, पर विवाह वे ही अच्छे सफल हुए जहां इस संबंध में कोई पारिवारिक मध्यस्थ मिल गया हो या सामने वाला परिवार अपना जाना बिना हो। यहाँ मेरा कथन ये नही है कि अन्य सम्बन्ध असफल ही हुए बल्कि कथन है अच्छे सफल दूसरा ये कम्प्यूटर ने भी बहुत समस्या उतपन्न कर दी है बायोडेटा गया नही की बच्चे लगे मिलाने। ये कम्प्यूटर या पंडितो की मिलाई कुण्डलिया विवाह में सहयोगी नही बाधक है। इससे बचिए।
अपने निकट, अपने परिचितों में, सुलभ पहुच में सम्बन्ध तलाशिये। जहां विपरीत परिस्थितियों में कोई दबाव बनाने वाला हो, आप पहुच सकते हो। जहां निगरानी का डर हो वहां विवाहेत्तर सम्बन्ध की संभावना नगण्य है, कोई समस्या हो भी तो आप या रिश्तेदार यथासमय दुरुस्त तो कर सकते हो।
अगर सम्बन्ध बहुत दूर भी हो तो भी पैकेज का आकर्षण परे रख कर पूरी जांच पड़ताल करिए, पारिवारिक मध्यस्थ ढूंढे, संतुष्टि होने पर ही सम्बन्ध कीजिए।
हमारे अनुसार अत्यंत दूर के इक्कीसे सम्बंध से निकट का जाना पहचाना बीसा सम्बन्ध श्रेष्ठ है।
कुछ कटु लगे तो क्षमा करें।
सुरेन्द्र जैन बाकलीवाल
अध्यक्ष
दिगम्बर जैन मैरेज ब्यूरो, इंदौर
अंतर्गत
दिगम्बर जैन महासमिति

आरोग्य (अमृतादि) काषायम चूर्ण, संशमनी वटी टेबलेट घर पर मंगवाने हेतु।

कोरोना संक्रमण का आयुर्वेदिक उपचार वर्तमान मे फैल रहे कोरोना विषाणु के संक्रमण को रोकने एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संचालित पूर्णायु आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ जबलपुर, मध्य प्रदेश द्वारा आयुर्वेदिक औषधियाँ तैयार की गई हैं

1. आरोग्य (अमृतादि) कषायम चूर्ण 100 ग्राम पैक मूल्य 150/- रुपया
2. संशमनी वटी 40 टेबलेट पैक मूल्य 120/- रुपया
कोरियर चार्ज अलग से

नोट :- एक सेट में एक व्यक्ति के लिए करीब 20 दिन की औषधि अनुमानित आती है

ये औषधियाँ आप कोरियर द्वारा घर पर मंगा सकते हैं
1.👉 1 सेट 270 ₹ प्लस 90 ₹ कोरियर चार्ज सहित 360 ₹)
2.👉 2 सेट 540 ₹ प्लस 100 ₹ कोरियर चार्ज सहित 640 ₹)
3.👉 3 सेट 810 ₹ प्लस 100 ₹ कोरियर चार्ज सहित 919 ₹)
4.👉 4 सेट 1080 ₹ प्लस 140 ₹ कोरियर चार्ज सहित 1220 ₹)
5.👉 5 सेट 1350 ₹ प्लस 140 कोरियर चार्ज सहित 1490 ₹)

1. सर्व प्रथम नीचे दिए गये अकाउंट नंबर पर अपने सेट के अनुसार भुगतान करे 
2. भुगतान हो जाने के बाद भुगतान की रसीद या स्कीन शॉट नीचे दिए गए व्हाट्सएप्प नंबर पर भेजे 
3. अपना पूरा नाम व पता पिन कोड सहित एवं सेट की संख्या भेजे

NAME: PURNAYU AYURVED CHIKITSALAYA AVAM ANUSANDHAN VIDYA PEETH
A/C NUMBER: 50100288112583
IFSCCODE: HDFC0000224


व्हाट्सएप्प नंबर: +91-95752- 24466


संपर्क
पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवम् अनुसंधान विद्यापीठ
श्री दिगंबर जैन संरक्षिणी सभा 657 जवाहर गंज, जबलपुर मध्य प्रदेश – भारत
+91 9575 224466 (General Info.)
poornayuayurved@gmail.com

जैनाधर्मानुसार बालिकाओ के नाम

आज हम आपके लिए लाए हैं जैन धर्मानुसार बालिकाओ के नाम यहाँ पर आप अपने बच्चे के लिए एक अच्छा-सा नाम चुन सकते हैं।

आरती
अनु
अभया
आभा
आराधना
आदिता
आद्या
आकांक्षा
आकर्षा
आकृति
आनंदिता
आंचल
अर्पिता
आप्ति
आराध्या
आरुषि
आशिका
आश्रिता
आस्था
आत्मिका
अ‍‍वनि
आयुषि
अभिलाषा
अभिरुचि
अचला
आदर्शा
अधिश्री
अग्रिमा
अहिंसा
अजया
आकृति
अक्षरा
अक्षया
अलका
अल्पा
अल्पना
अमला
अमलांत
अमानत
अमरा
अंबुजा
अमोदिनी
अमृता
अनामिका
आनंदिनी
अनंता
अनुप्रेक्षा
अंजना
अक्षता
अनुपमा
अपराजिता
अरुणा
आशा

इला
इज्या
इंदु
इन्द्राणी
इन्दु
इच्छा

ईशा
ईना

एकांता
एकता

ऐषणा
ऐश्वर्या

कथा
कमला
करुणा
किरण
कीर्ति
काव्या
कल्पना
कल्पिता
कल्याणी
कामिनी
कामना
काम्या
कनिष्का
कांति
करिश्मा
करुणा
कश्मीरा
कविता

गंगा
गजरा
गुप्ति
गीतिका
गुंजन
गरिमा
गुणमाला

चेष्टा
चिंतामणि
चेतना
चंचल
चंदा
चंदना
चांदनी
चेलना

छवि
छाया

जागृति
जयश्री
ज्योति
ज्येष्ठा

दामिनी
दर्शनी
दया
दीक्षा
दीपा
दीपाली
दीप्ति
दीपिका
दी‍पशिखा
देशना
दिव्या
दृष्टि
दृष्या
द्युति
दिशा

धन्या
धारिता
धृति
धारणा

नमन
नमिता
नम्रता
नीलांजना
नीरजा
नीता
नीति
नेहा
निहारिका
निधि
नित्या
निर्मला

ब्राह्मी
बरखा
बेला
बोधि

भारती
भाग्या
भक्ति
भावना

मधु
मधुरा
माधुरी
महक
महती
महिमा
मैत्री
मालती
मणि
मंजूषा
मंजू
मंजूश्री
मानसी
मेनका

लालसा
ललिता
लावण्या
लक्ष्मी
लता
लज्जा
लक्षणा
लक्ष्या 

वैशाली
वनमाला
विनीता
वाणी
वंदना
वंदिता
वसुधा
विचित्रा
वर्षा
वत्सा
विजया
वैदेही
विशाला
विद्या
वंशिका
विमला

हैप्पी
हर्षा
हर्षिता
हीरा

क्षेमा