इसी को जिंदगी कहते हैं

चलने वाले पैरो में कितना फर्क है एक आगे तो एक पीछे पर न तो आगे वाले को अभिमान है और न पीछे वाले को अपमान क्योंकि उन्हें पता होता है कि पलभर में ये बदलने वाला होता है। इसी को जिंदगी कहते हैं।