ऐसा व्यक्ति ढूंढकर लाओ

आपको कोई कहे कि ऐसा व्यक्ति ढूंढकर लाओ जो ज़िन्दगी भर बिजली का उपयोग न करता हो, वाहन में न बैठता हो, स्नान न करता हो, बैंक में जिसका खाता न हो, जिसके पास रहने के लिए घर न हो, गांव में खेत न हो, जो पैसा न कमाता हो , जो विवाह न करता हो, जिसका परिवार न हो, पैर में जुते न पहनता हो, जिसके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस आदि न हो, जिसे पासपोर्ट की जरुरत न हो, जिसे दर्जी, नाई, मोची, सुथार, लुहार, घांची, तेली, वणिक आदि लोगो की जरुरत न पड़े और फिर भी जो सदैव सुखी रहे, तो आपको कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं, जैन साधू के रूप में ऐसे व्यक्ति आपके आस पास विचरण करते हुए नज़र आ जाएंगे। https://isupportjainism.blogspot.com
भारत का संविधान 1950 में बना था और अब तक 64 सालों में इसमें 100 से अधिक संशोधन हो चुके हैं परंतु एक संविधान आज से 2570 वर्ष पूर्व शासन स्थापना के दिन भगवान महावीर ने साधू के लिए बनाया था जो आज तक एक बार भी परिवर्तित नहीं हुआ । 2570 वर्ष पूर्व जैन साधू जो जीवन जीते थे, आज के आधुनिक चकाचौंध भरे युग में भी वैसा ही जीवन जी रहे हैं। 
नोट: जैन धर्म की स्थापना भगवान आदिनाथ स्वामी ने की थी !
साभार: जय जिनेन्द्र परिवार