जब से जगत पूज्य ने घोषणा की सांगानेर के संघी जी जैन मंदिर के तलघर में विराजमान अक्रतिम चैत्यालय जो कि यक्ष रक्षित है जगत की कल्याण की भावना के निहितार्थ निकाला जा रहा है तभी से संसार के सभी लोग बहुत ही खुश और प्रशन्न है वही कुछ प्राणी जिन्हें मात्र रात्रि में ही दिखाई देता है और उन्हें हम सरल भाषा मे उल्लू कह कर पुकारते है ये वो प्राणी है जिन्हें मात्र अंधकार ही पसंद है उन्हें आज सांगानेर की साज सज्जा से उतपन्न हो रही चकाचोंध बिलकुल भी नही भा रही है क्योंकि उनकी आंखें जो चोन्धिया रही है
ओर इसी बात का क्षोभ उनकी अनर्गल पोस्टों से स्पष्ट दिखाई दे रहा है उन्हें तो बस जैसे रोशनी की बुराई ही करनी है सो करे जा रहे है वह अच्छा देखने और मानने का भी मन नही बना पा रहे है यह उनकी हेय बुद्धि को दर्शा रहा है लेकिन इसके विपरीत मुनि पुंगव के आशीर्वाद से सम्पन्न हो रहा अमृतसिद्धि दर्शन एवं कलश महोत्सव अपने पूरे शबाब पर है जहां एक ओर पैर रखने की भी जगह शेष नही है परंतु उचित व्यवस्थाओं के चलते किसी भी एक आदमी को किंचित भी समस्या नही दिखाई दे रही है
सभी खुश और प्रशन्न है चारो ओर जय जय कार की आवाजें ओर सफेद वस्त्र पहिने अभिषेकार्थी ही दिखाई दे रहे है भीड़ का आलम यह है कि आज लगभग डेढ़ से दो लाख महिला पुरुषों ने दर्शन किये तो वही दूसरी ओर से 25 हजार लोगों ने मात्र 9 घंटो के ही समय मे श्री जी के दोनों ओर से अभिषेक कर सारे पुराने कीर्तिमानों को ध्वस्त कर दिया सांगानेर में स्वर्णिम इतिहास को बनाने वाले जगत पूज्य सदा जयवंत हो।
साभार - श्रीश ललितपुर