34 साल के बाद दिगौड़ा की धरती पर पड़े आचार्य श्री विद्यासागर जी के चरण

जैन समाज में उमड़ा आस्था का सैलाब


दिगौड़ा पपौराजी से विहार करते हुए आचार्य विद्यासागरजी महाराज शुक्रवार को सुबह दिगौड़ा पहुंचे, जहां जैन समाज के लोगों ने उनकी भव्य अगवानी की।  आचार्यश्री मुख्य बाजार होते हुए जैन मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने सभी समाज के लोगों को मानवता की सीख देते हुए प्रवचन दिए। स्थानीय निवासी अभय जैन ने बताया कि 34 साल पहले गुरुवर दिगौड़ा में आये थे। अब एक लंबे अरसे के बाद उन्होंने दिगौड़ा पर कृपा की और धन्य कर दिया। आचार्य ने महेंद्र कुमार जैन के घर पर भोजन ग्रहण किया। दिगौड़ा में बहुत दूर दूर से जैन समाज के लोगों ने पहुंचकर आचार्य के दर्शन किए।  शिक्षक सुखनंदन जैन ने बताया कि आचार्य टीकमगढ़ से बंधाजी के लिए विहार पर निकले थे, परंतु दिगौड़ा वालों का सौभाग्य है कि गुरुवर दिगौड़ा होते हुए निकले। ग्रामवासियों को दर्शन और सेवा का अवसर प्रदान किया।  समाज के लोगों में आस्था देखते ही बनती थी। हर कोई गुरुवर के दर्शनों को लालायित देखा जा रहा था। वो जिस गली से भी गुज़रे सभी आस्था से नतमस्तक हो गए। जैन समाज के अलावा सभी धर्मों के मानने वाले गुरुवर के दर्शन को दौड़ पड़े। इस अवसर पर पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था रही। लगभग दस हज़ार से भी अधिक की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। 
दिगौड़ा| आचार्य विद्यासागर महाराज की शनिवार सुबह बंधाजी में आगवानी होगी। प्रात:कालीन आगवानी में ब्र. सुनील भैया के सानिध्य में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। पूरे बंधाजी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। जगह-जगह तोरणद्वार लगाए गए हैं। बंधाजी क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष मुरली मनोहर जैन ने बताया कि 1008 कलशों से अजितनाथ भगवान का महा मस्तकाभिषेक हाेगा। आचार्यश्री का संयम स्वर्ण महोत्सव, आचार्य भगवंत कि दिव्य देशना एवं विद्योदय फिल्म का प्रदर्शन होगा।

साभार: भास्कर