गणाचार्य विराग सागर महाराज ने कहा कि कोरोनावायरस के कारण विश्व में महामारी फैल रही है। ऐसे मंदिर खोलने पर रोक है लेकिन मदिरालय खोले जा रहे हैं। इस पर शासन प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए। क्योंकि इसके कारण मुनाफे की जगह हानि ही उठानी पड़ सकती है। यह बात गणाचार्य ने पूर्व सांसद डाॅ. रामलखन सिंह से कही, वे आचार्य श्री से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
आदिनाथ दिगंबर चैत्यालय जैन मंदिर में अपने संघ सहित विराजमान गणाचार्य से आशीर्वाद लेने पहुंचे पूर्व सांसद ने आचार्य श्री को श्रीफल चढ़ाया। महाराज ने कहा कि सुना है कि कई स्थानों पर शराब खरीदने वालों की 2 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी हुई हैं। इन दिनों शासन प्रशासन को मदिरालयों के खोले जाने पर विराम लगाना चाहिए। भाग्यशाली को मिलता है मानव जीवन जैनाचार्य ने आगे कहा कि व्यक्ति को मनुष्य जीवन बड़ी मुश्किल से मिलता है। साधुओं की कोई अलग से जाति नही होती। हमारी तो दिगंबर जाति या निग्रन्थ जाति या जो जिनेन्द्र भगवान की है वही जाति हमारी है। केवल दिगंबर साधु ही एक मात्र ऐसे हैं जिनकी गणना जनगणना नही की गई। क्योंकि न तो इनका कोई ड्रेस है न कोई एड्रेस। जिससे आप सबकी पहचान है इसलिए हमें मनुष्य जीवन पर्याय मिली है इस जीवन को सफल बनाना है। इसलिए मांस मदिरा व्यसनों का त्याग कर शाकाहार जीवन को अपनाएं। अहिंसा के मार्ग पर चलकर वैराग्य की भावना आए।