क्षमावाणी

जिस प्रकार अग्नि सब कुछ जला कर ख़ाक कर देती है, उसी प्रकार क्रोध भी इस जीवन को जलाकर ख़ाक कर देता है, जिस प्रकार जल अग्नि को शांत कर देता है, उसी प्रकार क्षमा रूपी जल भी क्रोध रूपी अग्नि को शांत कर देता है, अतः बंधुओं अपने जीवन को ख़ाक होने से बचाने हेतु आइये हम अपने जीवन को क्षमा रूपी जल से सींचे ताकि इस आतम रूपी बगिया के धर्म रूपी वृक्ष में संयम रूपी फूल खिले और मोक्ष रूपी फल सभी को प्राप्त हों, जन्म से लेकर मोक्ष तक की इस अनंत यात्रा का अंत करने की पहली सीढ़ी क्षमा है तो आइये आप सभी को क्षमा करके एवं सभी से क्षमा मांग कर इस मोक्ष सीढ़ी में पहला पग रखना चाहता हूँ ! सबको क्षमा सबसे क्षमा ! उत्तम क्षमा