अतिशय और चमत्कार

आचार्य श्री के अनन्य भक्त श्री रामनाथ जी कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है, ये सब आचार्य श्री जी का ही आशीर्वाद फलित हो रहा है, चरणों मे जो आया है सब कुछ उसने पाया है, राष्ट्रपति पद क्या, स्वर्ग सुख भी स्वयमेव आया है इसे कहते हैं अतिशय और चमत्कार दुनिया चाहे जिसे अतिशय या चमत्कार माने ये दुनिया ही जाने मैंने जिस साक्षात चमत्कार को देखा वो आपसे साझा कर रहा हूँ । जिन्हें हम चलता फिरता तीर्थ कहते हैं ऐंसे तीर्थंकर के मार्ग के पथगामी इस धरती के देवता पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागरजी महाराज जब भोपाल में चातुर्मास कर रहे थे तो बिहार के महामहिम राज्यपाल श्री रामनाथ जी कोविंद ने उनका सानिध्य प्राप्त करने की इच्छा जाहिर की थी और वे शिक्षा और भारत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जैन मंदिर हबीबगंज आये थे और आचार्य श्री का विशेष आशीर्वाद उन्हें मिला था, विशेष इसलिए क्योंकि जब गुरुवर से उनकी चर्चा हो रही थी तब चातुर्मास का सोशल मीडिया प्रभारी होने के नाते में बहा उपस्थित था, गुरुवर ने जब कोविंद जी को आशीर्वाद देने हाथ उठाया था तो दूसरे हाथ की उंगली से अपनी हथेली पर कुछ लिखा था शायद कोविंद जी के अच्छे भविष्य की कोई इबारत लिखी थी ।
                          आज जब भाजपा ने एन डी ए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदबार के रूप में श्री रामनाथ जी कोविंद के नाम की घोषणा की तो मुझे आशीर्वाद के वो अतिशयकारी पल याद आ गए ।
धन्य हैं वीतरागी तपोधन की दूरदृष्टि जिसमें भारत के सुनहरा भविष्य दृष्टिगोचर हो गया । 
 ~ पंकज प्रधान, भोपाल मध्यप्रदेश