1. एक ही नारा, एक ही नाम, विद्या गुरूवर तुम्हें प्रणाम।
2. विद्या गुरू को देख लो, त्याग करना सीख लो।
3. एक, दो, तीन, चार, विद्यागुरू की जय-जयकार।
4. पाँच, छः, सात, आठ, विद्यागुरू के प्रभु सम ठाठ।
5. नौ, दस, ग्यारह, बारह, विद्यासागर जग में न्यारा।
6. तेरह, चैदह, पंद्रह, सोलह, बच्चा-बच्चा गुरू की जय बोला।
7. सत्रह, अठारह, उन्नीस, बीस, विद्यागुरू को नवाओ शीश।
8. विद्यासागर संत महान, चलते-फिरते ये भगवान।
9. विद्यागुरू का सच्चा द्वार, हर जीवों से करते प्यार।
10. जब तक सूरज चाँद रहेगा, विद्यासागर नाम रहेगा।
3. एक, दो, तीन, चार, विद्यागुरू की जय-जयकार।
4. पाँच, छः, सात, आठ, विद्यागुरू के प्रभु सम ठाठ।
5. नौ, दस, ग्यारह, बारह, विद्यासागर जग में न्यारा।
6. तेरह, चैदह, पंद्रह, सोलह, बच्चा-बच्चा गुरू की जय बोला।
7. सत्रह, अठारह, उन्नीस, बीस, विद्यागुरू को नवाओ शीश।
8. विद्यासागर संत महान, चलते-फिरते ये भगवान।
9. विद्यागुरू का सच्चा द्वार, हर जीवों से करते प्यार।
10. जब तक सूरज चाँद रहेगा, विद्यासागर नाम रहेगा।
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11. बिना तिथि के करें विहार, विद्यासागर सदा बहार।
12. अखिल विश्व में गूँजे नारा, विद्यासागर गुरू हमारा।
13. अखिल विश्व में गूँजे नाद, विद्यासागर जिंदाबाद।
14. विद्यासागर जिसके हैं, जो भी ध्यावे उसके हैं।
15. पाप छोड़ के पुण्य कमाओ, पूरी मैत्री तुम अपनाओ।
16. विद्यागुरू का क्या संदेश, रहो स्वदेश, न जाओ विदेश।
17. जैन जगत के कौन सितारे, विद्यासागर गुरू हमारे।
18. जगमग चमकें विद्यासागर, भरते सबकी खाली गागर।
19. विद्यागुरू के वचन महान, जिससे रक्षित हिंदुस्तान।
20. इंडियो छोड़ो, भारत बोलो, विद्यासागर की जय बोलो।
21. विद्यागुरू से करते यदि प्यार, तो हाथ करघा को करो स्वीकार।
22. श्रीमती माँ का प्यारा लाला, विद्यासागर नाम निराला।
23. भव के दुख को हरने वाले, विद्यासागर गुरू निराले।
24. भव्य जनों के हृदय खिलाते, मोक्षमार्ग गुरूवर दिखलाते।
25. नैया मेरी पार लगा दो, विद्यासागर पास बुला लो।
26. चेतन रत्नों के व्यापारी, विद्यासागर संयमधारी।
27. विद्यासागर एक सहारे, जग में रहते जग से न्यारे।
28. सुर नर इंद्र करे सब पूजा, विद्यासागर सम न दूजा।
29. विद्यासागर संकट हारी, नैया सबकी पार उतारी।
30. विद्यासागर नाम जो ध्याता, पापी भी भव से तिर जाता।
11. बिना तिथि के करें विहार, विद्यासागर सदा बहार।
12. अखिल विश्व में गूँजे नारा, विद्यासागर गुरू हमारा।
13. अखिल विश्व में गूँजे नाद, विद्यासागर जिंदाबाद।
14. विद्यासागर जिसके हैं, जो भी ध्यावे उसके हैं।
15. पाप छोड़ के पुण्य कमाओ, पूरी मैत्री तुम अपनाओ।
16. विद्यागुरू का क्या संदेश, रहो स्वदेश, न जाओ विदेश।
17. जैन जगत के कौन सितारे, विद्यासागर गुरू हमारे।
18. जगमग चमकें विद्यासागर, भरते सबकी खाली गागर।
19. विद्यागुरू के वचन महान, जिससे रक्षित हिंदुस्तान।
20. इंडियो छोड़ो, भारत बोलो, विद्यासागर की जय बोलो।
21. विद्यागुरू से करते यदि प्यार, तो हाथ करघा को करो स्वीकार।
22. श्रीमती माँ का प्यारा लाला, विद्यासागर नाम निराला।
23. भव के दुख को हरने वाले, विद्यासागर गुरू निराले।
24. भव्य जनों के हृदय खिलाते, मोक्षमार्ग गुरूवर दिखलाते।
25. नैया मेरी पार लगा दो, विद्यासागर पास बुला लो।
26. चेतन रत्नों के व्यापारी, विद्यासागर संयमधारी।
27. विद्यासागर एक सहारे, जग में रहते जग से न्यारे।
28. सुर नर इंद्र करे सब पूजा, विद्यासागर सम न दूजा।
29. विद्यासागर संकट हारी, नैया सबकी पार उतारी।
30. विद्यासागर नाम जो ध्याता, पापी भी भव से तिर जाता।
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31. विद्यासागर महिमावान, गुरू हैं कलियुग के भगवान।
32. हर माँ का बेटा कैसा हो, विद्यासागर जैसा हो।
33. छोड़ो हिंसा सीखो प्यार, विद्यागुरू की यही पुकार।
34. मूकमाटी के रचनाकार, संयम का करते व्यापार।
35. विद्यासागर मधुर अपार, बाकी सागर का जल क्षार।
36. संयम उत्सव गुरू का आया, विद्यासागर नाम है भाया।
37. विद्यागुरू गये बीना बारह, खुल गई दुग्ध शांतिधारा।
38. बड़े बाबा के भक्त अनोखे, विद्यासागर जग में चोखे।
39. विद्यागुरू रत्नों की खान, होठों पर रहती मुस्कान।
40. ज्ञान के सागर, विद्यासागर।
41. अध्यात्म के सागर, विद्यासागर।
42. विद्यासागर नाम है उनका, गौ रक्षा का भाव है जिनका।
43. संघ को गुरूकुल बनाया है, गुरू का वचन निभाया है।
44. भावनाओं के हैं आकाश, विद्यागुरू सबके विश्वास।
45. भक्तों के दुख हरने वाली, गुरूवर की मुस्कान निराली।
46. त्याग तपस्या प्रेम के सागर, भक्तों के गुरू विद्यासागर।
47. विद्यासागर गुरू हमारे, श्रमण संस्कृति के श्रमण निराले।
48. नील गगन में एक सितारा, विद्यागुरू को नमन हमारा।
49. विद्यासागर जहाँम जावें, उसी जगह तीरथ बन जाए।
50. विद्यागुरू का कहना मानो, पूरी मैत्री तुम अपना लो।
51. विद्यागुरू का कहना है, स्वावलंबी रहना है।
52. एक चवन्नी चाँदी की, जय हो विद्यावाणी की।
53. जिनका कोई नहीं जवाब, विद्यासागर लाजवाब।
54. विद्यासागर अनियत बिहारी, पीछे पागल जनता सारी।
55. चाहे हो कंगाल फकीरा, विद्यासागर हरते पीड़ा।
56. विद्यासागर जिसे निहारें, नैया उसकी पार उतारें।
57. विद्यागुरू भवसागर तीरा, हरते सबकी भव की पीड़ा।
58. मल्लप्पा, श्रीमती सुत प्यारे, विद्यासागर जग से न्यारे।
59. विद्यागुरू जग से वैरागी, ज्ञानचरण, शिवपथ अनुरागी।
60. विद्यासागर वो कहलाया, जिसने दया, धर्म सिखलाया।
31. विद्यासागर महिमावान, गुरू हैं कलियुग के भगवान।
32. हर माँ का बेटा कैसा हो, विद्यासागर जैसा हो।
33. छोड़ो हिंसा सीखो प्यार, विद्यागुरू की यही पुकार।
34. मूकमाटी के रचनाकार, संयम का करते व्यापार।
35. विद्यासागर मधुर अपार, बाकी सागर का जल क्षार।
36. संयम उत्सव गुरू का आया, विद्यासागर नाम है भाया।
37. विद्यागुरू गये बीना बारह, खुल गई दुग्ध शांतिधारा।
38. बड़े बाबा के भक्त अनोखे, विद्यासागर जग में चोखे।
39. विद्यागुरू रत्नों की खान, होठों पर रहती मुस्कान।
40. ज्ञान के सागर, विद्यासागर।
41. अध्यात्म के सागर, विद्यासागर।
42. विद्यासागर नाम है उनका, गौ रक्षा का भाव है जिनका।
43. संघ को गुरूकुल बनाया है, गुरू का वचन निभाया है।
44. भावनाओं के हैं आकाश, विद्यागुरू सबके विश्वास।
45. भक्तों के दुख हरने वाली, गुरूवर की मुस्कान निराली।
46. त्याग तपस्या प्रेम के सागर, भक्तों के गुरू विद्यासागर।
47. विद्यासागर गुरू हमारे, श्रमण संस्कृति के श्रमण निराले।
48. नील गगन में एक सितारा, विद्यागुरू को नमन हमारा।
49. विद्यासागर जहाँम जावें, उसी जगह तीरथ बन जाए।
50. विद्यागुरू का कहना मानो, पूरी मैत्री तुम अपना लो।
51. विद्यागुरू का कहना है, स्वावलंबी रहना है।
52. एक चवन्नी चाँदी की, जय हो विद्यावाणी की।
53. जिनका कोई नहीं जवाब, विद्यासागर लाजवाब।
54. विद्यासागर अनियत बिहारी, पीछे पागल जनता सारी।
55. चाहे हो कंगाल फकीरा, विद्यासागर हरते पीड़ा।
56. विद्यासागर जिसे निहारें, नैया उसकी पार उतारें।
57. विद्यागुरू भवसागर तीरा, हरते सबकी भव की पीड़ा।
58. मल्लप्पा, श्रीमती सुत प्यारे, विद्यासागर जग से न्यारे।
59. विद्यागुरू जग से वैरागी, ज्ञानचरण, शिवपथ अनुरागी।
60. विद्यासागर वो कहलाया, जिसने दया, धर्म सिखलाया।
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61. जग जीवों के पालन हारे, विद्यासागर गुरू हमारे।
62. विद्यासागर लगते प्रभु वीरा, रत्नत्रय से चमकित हीरा।
63. विद्यासागर देकर ज्ञान, हर लेते सबके अज्ञान।
64. विद्यासागर किरपा करते, रत्नत्रय से झोली भरते।
65. जिसके सिर गुरू हाथ होगा, बाल न बाका उसका होगा।
66. ऊपर नभ में सूरज चमके, विद्यासागर जग में चमके (दमके)।
67. धर्म ध्वजा गुरू फहराते, संत शिरोमणि कहलाते।
68. विद्यागुरू का सच्चा द्वारा, सबसे अच्छा, सबसे न्यारा।
69. बड़भागी शरणा पाते, विद्यागुरू सबको भाते।
70. अंधों की लाठी बन जाते, विद्यागुरू पथ शूल हटाते।
71. धीर-वीर-गंभीर शूर है, विद्यासागर कोहिनूर है।
72. सूर्य गगन में आग सहित है, विद्यासागर आग रहित है।
73. चाँद रात में दाग सहित है, विद्यासागर दाग रहित है।
74. विद्यागुरू की कोमल काया, फिर भी छोड़ी जग की माया।
75. रथ, घोड़े न पालकी, जय मल्लप्पा लाल की।
76. स्वर्ण जयंती गुरू की आई, घर-घर में है खुशियाँ लाई।
77. सारे विश्व की सच्ची शान, विद्यासागर गुरू महान।
78. जैन धर्म की जान हैं, विद्यागुरू भगवान है।
61. जग जीवों के पालन हारे, विद्यासागर गुरू हमारे।
62. विद्यासागर लगते प्रभु वीरा, रत्नत्रय से चमकित हीरा।
63. विद्यासागर देकर ज्ञान, हर लेते सबके अज्ञान।
64. विद्यासागर किरपा करते, रत्नत्रय से झोली भरते।
65. जिसके सिर गुरू हाथ होगा, बाल न बाका उसका होगा।
66. ऊपर नभ में सूरज चमके, विद्यासागर जग में चमके (दमके)।
67. धर्म ध्वजा गुरू फहराते, संत शिरोमणि कहलाते।
68. विद्यागुरू का सच्चा द्वारा, सबसे अच्छा, सबसे न्यारा।
69. बड़भागी शरणा पाते, विद्यागुरू सबको भाते।
70. अंधों की लाठी बन जाते, विद्यागुरू पथ शूल हटाते।
71. धीर-वीर-गंभीर शूर है, विद्यासागर कोहिनूर है।
72. सूर्य गगन में आग सहित है, विद्यासागर आग रहित है।
73. चाँद रात में दाग सहित है, विद्यासागर दाग रहित है।
74. विद्यागुरू की कोमल काया, फिर भी छोड़ी जग की माया।
75. रथ, घोड़े न पालकी, जय मल्लप्पा लाल की।
76. स्वर्ण जयंती गुरू की आई, घर-घर में है खुशियाँ लाई।
77. सारे विश्व की सच्ची शान, विद्यासागर गुरू महान।
78. जैन धर्म की जान हैं, विद्यागुरू भगवान है।
साभार: एल.एस.परिवार, सागर