ब्रह्मचर्य अवस्था से अब तक की चातुर्मास सूची: मुनि श्री नियमसागर जी महाराज

प.पू. संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के तृतीय दीक्षित शिष्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी मुनि श्री नियमसागर जी महाराज।

परम पूज्य मुनि श्री नियमसागर जी महाराज का जन्म सदलगा में हुआ था,आप आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के संघ के प्रथम ब्रह्मचारी है, सबसे पहले किशनगढ़ (राज.) में आचार्य श्री ने आपको ब्रह्मचर्य व्रत प्रदान किया, आपकी क्षुल्लक दीक्षा 1975 में सिद्धक्षेत्र सोनागिरि में, ऐलक दीक्षा 1978 में सिद्धक्षेत्र नैनागिरि में व मुनि दीक्षा 1980 में मोराजी सागर में हुई, आपने विद्याष्टक, जिनवाणी स्तुति सहित कई उपयोगी व कालजयी कृतियों की रचना की है, आपको संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, कन्नड़, मराठी आदि भाषाओं का ज्ञान है। संस्कृत भाषा का आपको विशेष ज्ञान है, आपने ब्रह्मचारी अवस्था से अब तक कुल 42 चातुर्मास किए है, जिसमें 9 चातुर्मास आचार्य श्री के साथ व बाकी उपसंघ के रुप में पूर्ण किए है, आपके चातुर्मास उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक प्रांतों में हुए है। 


ब्रह्मचर्य अवस्था से अब तक की चातुर्मास सूची
1975-फिरोजाबाद (उ.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1976-सिद्धक्षेत्र कुण्डलपुर (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1977-सिद्धक्षेत्र कुण्डलपुर (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1978-सिद्धक्षेत्र नैनागिरि जी (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1979-अतिशय क्षेत्र थूबोन जी,अशोकनगर (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1980-सिद्धक्षेत्र मुक्तागिरि जी, बैतुल (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1981-सिद्धक्षेत्र नैनागिरि जी (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1982-सिद्धक्षेत्र नैनागिरि जी (म.प्र.)【आचार्यश्री के साथ】
1983-ईशरी,गिरिडीह (झारखण्ड)【आचार्यश्री के साथ】
1984-कोतमा,अनूपपुर (म.प्र.)
1985-आलगुर, कर्नाटक
1986-हासन, कर्नाटक
1987-सालिग्राम, कर्नाटक
1988-सालिग्राम, कर्नाटक
1989-तुमकुर, कर्नाटक
1990-सालिग्राम, कर्नाटक
1991- सिरगुप्पी, कर्नाटक
1992-कोपरगाँव, महाराष्ट्र
1993-छत्रपति नगर, इन्दौर, म.प्र.
1994-आरोन, म.प्र.
1995-मुंगावली, म.प्र.
1996-खजुराहो, म.प्र.
1997-मंडलेश्वर, म.प्र.
1998-आष्टा, म.प्र.
1999-बड़वाह, म.प्र.
2000-खान्दूँ कॉलोनी, राजस्थान
2001-कोपरगाँव, महाराष्ट्र
2002-बारामती, महाराष्ट्र
2003-तेरदाल, कर्नाटक
2004-हुपरी, महाराष्ट्र
2005-जन्मभूमि सदलगा, कर्नाटक
2006-बोरगांव, कर्नाटक
2007-पेठ वडगाँव, महाराष्ट्र
2008-मजगाँव, कर्नाटक
2009-जुगूल, कर्नाटक
2010-सदलगा, कर्नाटक
2011-कोल्हापुर, महाराष्ट्र
2012-निगड़ी पुणे, महाराष्ट्र
2013-गुलबर्गा, कर्नाटक
2014-पुसद, महाराष्ट्र
2015-एलोरा,औरंगाबाद, महाराष्ट्र
2016-दहीगाँव, महाराष्ट्र
2017-जयसिंगपूर, जिला-कोल्हापुर, महाराष्ट्र*

मुनि श्री का 43 वाँ चातुर्मास जयसिंगपूर जिला-कोल्हापुर में 4 अनुज मुनिराजों के साथ सम्पन्न हो रहा है,हम सब ऐसे ज्ञान के भण्डार महामुनि के दर्शन कर अपने जीवन को कृतार्थ करे। 

।। जैनम् जयतु शासनम्, वन्दे विद्यानियमसागरम् ।।
साभार: अमोल भय्याजी पुसद
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